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Riot in the House : मेयर चुनाव के बाद सदन में जमकर हाथापाई-मारपीट, AAP और बीजेपी पार्षदों का हंगामा….

नई दिल्ली, 22 फरवरी।Riot in the House : दिल्ली नगर निगम को अपना नया मेयर मिल गया है। कई अड़चनों के बाद शैली ओबेरॉय को मेयर तो चुन लिया गया है लेकिन इसके बाद जो स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव होना है, वो फंस गया है। स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव के बीच सदन में जमकर हंगामा हो गया। सदन में पार्षदों ने एक दूसरे पर बोतलें फेंकीं. नौबत हाथापई तक आ गई।

भले ही दिल्ली नगर निगम को अपना नया मेयर मिल गया है। दरअसल, बुधवार को मेयर चुनाव का रास्ता तो साफ हो गया, लेकिन (Riot in the House) इसके बाद जो स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव होना है, वो फंस गया है। अभी तक सिर्फ 250 में से 47 पर्षदों ने ही वोट डाला है। बताया जा रहा है कि पांच पार्षदों ने वोट तो डाला लेकिन बैलेट पेपर वापस ही नहीं किया। उस वजह से सदन में जमकर हंगामा हो रहा है। सदन में हंगामा इस कदर बढ़ गया है कि पार्षदों के बीच हाथापाई की नौबत आ गई है। इतना ही नहीं, पार्षदों के बीच मुक्केबाजी हुई है, पानी फेंका गया है। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। उनमें पार्षद एक दूसरे पर पानी की बोतलें तक फेंक रहे हैं। बवाल की वजह से कुछ देर पहले सदन को स्थगित तक कर दिया गया था। लेकिन जब कार्यवाही फिर शुरू हुई और जमकर बवाल हो गया।

स्थाई समिति के सदस्यों के चुनाव के दौरान (Riot in the House) सदन तीन बार स्थगित हुआ। महापौर और उप-महापौर चुनाव के दौरान मोबाइल और पेन को प्रतिबंधित किए जाने के बाद स्थाई समिति सदस्यों के चुनाव इनकी इजाजत देने को लेकर विवाद खड़ा हो गया। विवाद से पहले 47 पार्षदों को बैलेट पेपर इश्यू किए जा चुके थे। जिनमें से कुछ ने वोट भी दे दिए थे। भाजपा पार्षदों का कहना था कि पूरा चुनाव नए सिरे से कराना होगा, वहीं आप पार्षदों का कहना था कि जो बैलेट पेपर जारी हो चुके हैं और वोट पड़ चुके हैं, वे अब मान्य हैं और बाकी वोट बिना मोबाइल के डाले जा सकते हैं। इसी बात को लेकर बुधवार देर रात तक सदन की बैठक स्थगित रही।

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