MP Cabinet Decision : मुख्यमंत्री चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद के निर्णय…राज्य शासन के पेंशनरों / परिवार पेंशनरों के महंगाई राहत दर में वृद्धि
![MP Cabinet Decision: Decision of the Council of Ministers under the chairmanship of Chief Minister Chouhan… Increase in dearness relief rate for pensioners/family pensioners of the state government](https://todaynewshindi.com/wp-content/uploads/2023/08/TN5-Bhopal220823041732.jpg)
भोपाल, 22 अगस्त। MP Cabinet Decision : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मुख्यमंत्री निवास ‘समत्व भवन’ में हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा पुलिस विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को मिलने वाले भत्तों में वृद्धि के लिये स्वीकृति प्रदान की गई है। पुलिस थानों में पदस्थ आरक्षक से उपनिरीक्षक स्तर के कर्मचारियों को प्रत्येक माह शासकीय कार्य के लिए की गई यात्रा के लिए 15 लीटर पेट्रोल की कीमत की प्रतिपूर्ति, आरक्षक से निरीक्षक स्तर के अराजपत्रित कर्मचारियों के लिये पौष्टिक आहार भत्ते की राशि 650 रूपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 1000 रूपये प्रतिमाह, आरक्षक एवं प्रधान आरक्षक को मिलने वाले किट क्लोदिंग भत्ता राशि क्रमश: प्रतिवर्ष 2,500 रूपये एवं 3 हजार रूपये से बढ़ाकर 5 हजार रूपये प्रतिमाह, सहायक उप निरीक्षक से निरीक्षक स्तर के अधिकारियों को प्रत्येक 3 वर्ष में दिये जाने वाले वर्दी नवीनीकरण अनुदान की राशि 500 रूपये से बढ़ाकर 2500 रुपये प्रति 3 वर्ष और कानून व्यवस्था में लगे पुलिस कर्मियों को मिलने वाले निःशुल्क भोजन की दरों को 70 रूपये प्रतिदिन से बढ़ाकर 100 रूपये प्रतिदिन की गई है। साथ ही मध्यप्रदेश विशेष सशस्त्र बल (SAF) के कर्मचारियों को भी योजनाओं का लाभ प्रदान किया जाएगा।
राज्य शासन के पेंशनरों / परिवार पेंशनरों के महंगाई राहत दर में वृद्धि की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा राज्य शासन के पेंशनरों / परिवार पेंशनरों को 01 जुलाई, 2023 (भुगतान माह अगस्त, 2023 ) से देय मंहगाई राहत की दर में वृद्धि करने की स्वीकृति दी गई है। निर्णय अनुसार मंहगाई राहत की दर सातवें वेतनमान अंतर्गत 42% और छठवें वेतनमान अंतर्गत 221% की गई है। इस निर्णय से शासन पर अनुमानित 410 करोड़ रूपये का अतिरिक्त व्यय भार संभावित है ।
“मध्यप्रदेश नक्सली आत्म-समर्पण, पुर्नवास सह राहत नीति 2023” की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा आत्म-समर्पण करने वाले नक्सलियों को लाभकारी रोजगार और उद्यमशीलता के अवसरों को प्रदान करने के उद्देश्य से “मध्यप्रदेश नक्सली आत्मसमर्पण, पुर्नवास सह राहत नीति 2023” स्वीकृत की गई है। मध्यप्रदेश नक्सली आत्म-समर्पण, पुनर्वास सह राहत नीति राज्य में उत्पन्न वर्तमान सुरक्षा परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है। इस नीति का मुख्य उद्देश्य हिंसा का रास्ता त्यागकर स्वेच्छा से आत्म-समर्पण करने वालों को मुख्यधारा में शामिल करना है। नीति के अनुसार आत्म-समपर्णकर्ता को पुनर्वास हेतु गृह निर्माण के लिये 1 लाख 50 हजार रूपये, हथियार समर्पण के लिये अनुग्रह राशि 10 हजार रूपये से 4 लाख 50 हजार रूपये तक, विवाह के लिये प्रोत्साहन राशि 50 हजार रूपये, तात्कालिक आवश्यकता पूर्ति के लिये 5 लाख रूपये या घोषित पुरस्कार राशि जो भी अधिक हो, अचल सम्पत्ति क्रय के लिये 20 लाख रूपये, व्यवसायिक प्रशिक्षण के लिए 1 लाख 50 हजार रूपये दिये जायेंगे। साथ ही आयुष्मान भारत योजना और खाद्यान्न सहायता योजना का लाभ भी प्रदान किया जाएगा।
नक्सल हिंसा में प्रभावितों की सहायता के लिये नीति में प्रावधान किये गये है। जिसके अनुसार हिंसा से प्रभावित नागरिक की मृत्यु होने पर पीड़ित परिवार को 15 लाख रूपये, मृत सुरक्षा कर्मी के परिवार को 20 लाख रूपये और शारीरिक अक्षमता पर 4 लाख रूपये प्रदान किये जायेंगे। नक्सल हिंसा में नागरिक की मृत्यु होने पर परिवार के सदस्य को तृतीय/चतुर्थ श्रेणी के पद पर नियुक्ति दी जायेगी। नक्सल हिंसा में अचल सम्पत्ति की पूर्णत: क्षति होने पर 1 लाख 50 हजार रूपये और आंशिक क्षति होने पर अधिकतम 50 हजार रूपये दिये जायेंगे। इसके साथ ही शासन की विभिन्न योजनाओं के साथ-साथ पीड़ित परिवार को आयुष्मान भारत योजना और खाद्यान्न सहायता योजना का लाभ भी दिया जायेगा।
जिला बैतूल में नवीन अनुविभाग आमला के सृजन की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा जिला बैतूल में नवीन अनुविभाग आमला के सृजन की स्वीकृति दी गई है। नवीन अनुविभाग आमला में तहसील आमला के पटवारी हल्का 01 से 70 तक कुल 70 पटवारी हल्के समाविष्ट होंगे। इसके बाद अनुविभाग मुलताई में तहसील मुलताई के पटवारी हल्का 01 से 69 तक एवं तहसील प्रभातपट्टन के पटवारी हल्का 70 से 133 तक कुल 133 पटवारी हल्का समाविष्ट होंगे। नवीन अनुविभाग आमला के संचालन के लिये कुल 12 पद स्वीकृत किये गये है। जिसमें अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) का 1, स्टेनो टायपिस्ट का 1, सहायक ग्रेड-2 के 2, सहायक ग्रेड-3 के 3, वाहन चालक का 1 और भृत्य के 4 पद शामिल है।
नर्सिंग महाविद्यालयों के लिए 305 नवीन पदों के सृजन की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, रीवा और सागर में संचालित नर्सिंग महाविद्यालयों के लिए आई. एन.सी. के मापदण्डों की पूर्ति तथा नर्सिंग छात्राओं को उत्कृष्ट प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए नर्सिंग शिक्षक तथा अन्य संवर्गो के कुल 305 नवीन पदों के सृजन की स्वीकृति प्रदान की गई है। इन पदों की पूर्ति शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के लिए गठित शासी निकाय द्वारा मध्यप्रदेश स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय शैक्षणिक आदर्श नियम, 2018 के प्रावधानों अनुसार की जायेगी। प्रदेश के विद्यार्थियों को नर्सिंग क्षेत्र के स्नातक/ स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में उत्कृष्ट शिक्षा के साथ-साथ सह चिकित्सकीय तकनीकियों को उपयोग करने का अवसर प्राप्त होगा जिससे वे अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट सह चिकित्सकीय एवं शल्य सह चिकित्सकीय तकनीकी ज्ञान ग्रहण कर देश के विभिन्न चिकित्सालयों में रोजगार प्राप्त कर सकेंगे।
जिला पंचायत सदस्यों एवं जनपद पंचायत सदस्यों के मानदेय में वृद्धि करने की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा जिला पंचायत सदस्यों एवं जनपद पंचायत सदस्यों के मानदेय में वृद्धि करने का निर्णय लिया है। जिला पंचायत सदस्यों का मानदेय 4500 से बढ़ाकर 13 हजार 500 रूपये और जनपद पंचायत सदस्यों का मानदेय 1500 से बढ़ाकर 4500 रूपये करने का निर्णय लिया गया है। इससे 771 जिला पंचायत सदस्यों और 6145 जनपद पंचायत सदस्यों के मानदेय में वृद्धि होगी। मानदेय वृद्धि किये जाने पर अतिरिक्त वार्षिक वित्तीय भार 30 करोड़ 44 लाख 88 हजार रूपये आना संभावित है।
सात नवीन शासकीय महाविद्यालयों एवं पदों के सृजन की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा उच्च शिक्षा विभाग में 07 नवीन शासकीय महाविद्यालय, 01 शासकीय महाविद्यालय में नवीन संकाय एवं 01 शासकीय महाविद्यालय में स्नातकोत्तर स्तर पर नवीन विषय प्रारंभ किए जाने के लिये कुल 367 नवीन पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है। जिला सतना के कोठी, ग्वालियर के बेहट, जबलपुर के बघराजी, सागर के शाहपुर, पन्ना के खोरा, इंदौर के कम्पेल और दतिया के बसई में नवीन शासकीय महाविद्यालय के सृजन की स्वीकृति दी गई है। साथ ही शासकीय महाविद्यालय देवतालाब रीवा में स्नातक स्तर पर नवीन संकाय वाणिज्य और स्नातकोत्तर स्तर पर समाज शास्त्र, अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र, हिन्दी साहित्य, रसायन शास्त्र, वनस्पति शास्त्र, प्राणी शास्त्र, भौतिक शास्त्र एवं गणित नवीन विषयों को प्रारंभ किये जाने के लिये नवीन पद सृजित किये गये है। पद सृजन पर आवर्ती व्यय भार 20 करोड़ 33 लाख 50 हजार रूपये प्रतिवर्ष एवं अन्य अनावर्ती व्यय 107 करोड़ 96 लाख रूपये इस प्रकार कुल 128 करोड़ 29 लाख 50 हजार के व्यय की स्वीकृति दी गई है।
रबी वर्ष 2021-22 और 2022-23 में प्राईस सपोर्ट स्कीम के उपार्जन की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा रबी वर्ष 2022-23 (विपणन वर्ष 2023-24 ) एवं आगामी दो वर्षों में भारत सरकार के प्राईस सपोर्ट स्कीम अंतर्गत चना, मसूर एवं सरसों तथा ग्रीष्मकालीन मूंग एवं उड़द का पंजीकृत कृषकों से उपार्जन राज्य उपार्जन एजेंसी म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित द्वारा किए जाने का निर्णय लिया गया। साथ ही रबी वर्ष 2021-22 (रबी विपणन वर्ष 2022-23) में प्राईस सपोर्ट स्कीम अंतर्गत भारत सरकार द्वारा चना के लिये 8 लाख 71 हजार 100 मेट्रिक टन एवं मसूर के लिये 1 लाख 67 हजार 130 मेट्रिक टन तथा सरसों के लिये 3 लाख 48 हजार 935 मेट्रिक टन के नियत उपार्जन लक्ष्य के भीतर चने के 8 लाख 01 हजार 662.86 मेट्रिक टन का उपार्जन राज्य उपार्जन एजेंसी म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ द्वारा किये जाने का कार्योत्तर अनुमोदन किया गया।
IFMIS Next Gen परियोजना के लिये 484 करोड़ 11 लाख रूपये की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा IFMIS Next Gen परियोजना के अंतर्गत IFMIS के सुचारू संचालन, सॉफ्टवेयर के विकास और संधारण, आईटी हार्डवेयर अधो-संरचना के विकास और पी.एम.यू के संचालन के लिये कुल 484 करोड़ 11 लाख रूपये की स्वीकृति दी गई है। IFMIS Next Gen के विकास की ट्रांजीशन अवधि में IFMIS के सुचारू संचालन के लिये 59 करोड़ 50 लाख रूपए और IFMIS Next Gen परियोजना (अवधि वर्ष 2023 से 2029) के अंतर्गत सॉफ्टवेयर के विकास एवं संधारण के लिये पारदर्शी प्रक्रिया मे सिस्टम इंटीग्रेटर का चयन करने के लिये 218 करोड़ 26 लाख रूपये स्वीकृत किये गये है। साथ ही वर्ष 2023 से 2029 तक आवश्यकतानुसार चरणबद्ध तरीके से आई.टी. हार्डवेयर अधोसंरचना के विकास के लिये 64 करोड़ 9 लाख रूपये एवं मॉडल कोषालयों/कार्यालयों के विकास के लिये नॉन-आई.टी. अधो-संरचना के विकास के लिये 37 करोड़ 27 लाख रूपये स्वीकृत किये गये है। इसके अलावा पी.एम.यू. के संचालन के लिये अनुमानित लागत 29 करोड़ 85 लाख रूपये और परियोजना पर अन्य व्यय अनुमानित राशि 74 करोड़ 33 लाख रूपये की स्वीकृति दी गई है। मंत्रि-परिषद् द्वारा लिया गया यह निर्णय ई-गवर्नेस एवं वित्तीय प्रबंधन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण होगा। शासकीय कार्यालयों, शासकीय सेवकों और प्रदेश के नागरिकों एवं हितग्राहियों को त्वरित एवं ऑनलाईन सेवाये प्राप्त होगी तथा विभागीय कार्यो का पारदर्शी एवं बेहतर प्रबंधन के साथ क्रियान्वयन किया जा सकेगा।