Meritorious Student Investiture Ceremony : वास्तविक शिक्षा वह जो विद्यार्थी को ज्ञानवान के साथ-साथ चरित्रवान भी बनाए: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
रायपुर, 30 दिसंबर। Meritorious Student Investiture Ceremony : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज सरस्वती शिक्षण संस्थान रोहणीपुरम् में मेधावी छात्र अलंकरण समारोह में शामिल हुए। उन्होंने प्रतिभावान् छात्रा-छात्राओं को सम्मानित किया। उन्होंने इस अवसर पर छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि शिक्षा का अर्थ केवल अक्षर ज्ञान प्राप्त करना अथवा डिग्रियां हासिल कर लेना नहीं है, बल्कि वास्तविक शिक्षा वह है जो विद्यार्थी को ज्ञानवान के साथ-साथ चरित्रवान भी बनाएं, उसे राष्ट्र के लिए उज्ज्वल चरित्र के नागरिक तैयार करें।
मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों से कहा कि हम सभी सनातन जीवन मूल्यों के संवाहक हैं। इन मूल्यों को बचाए रखना ही पूरी दुनिया को बचाए रखने का एकमात्र उपाय है। इस समय पूरे विश्व की परिस्थितियों को देख हम रहे है, महसूस भी कर रहे हैं। हर तरफ मनुष्य और मानवता पर संकट दिखता है। आपसी संघर्षों में उलझी दुनिया बार-बार भारत की ओर देखती है, क्योंकि हम विश्व शांति और वसुधैव कुटुबंकम की बात करते हैं। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से भारत विश्व गुरू बनेगा, दुनिया को शांति-एकजुटता और समन्वित विकास की ओर भारत ही लेकर जाएगा। यह समय भारत का स्वर्णिम समय है। प्रधानमंत्री श्री मोदी का कहना है कि शिक्षा ही है जो देश का भाग्य बदलने की ताकत रखती है। मोदी जी ने विकसित भारत के निर्माण का लक्ष्य हम सबके सामने रखा है। इसमें शिक्षा की अहम भूमिका है।
स्कूल शिक्षा मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सरस्वती शिक्षण संस्थान पूरे देश में एक ऐसी शिक्षा प्रदान कर रही है, जिससे देश में विद्यार्थी को सम्पूर्ण मनुष्य के रूप में तैयार कर सकें। उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के एकात्म मानववाद का उल्लेख करते हुए कहा कि अन्य शिक्षा पद्धति बौद्धिक रूप से बच्चों को को तैयार करती है, मगर सरस्वती शिक्षण संस्थान बच्चों को केवल बुद्धि से नहीं बल्कि शरीर, मन, बुद्धि और आत्मा के उत्थान अर्थात आध्यात्मिक उत्थान के लिए कार्य करता है। श्री अग्रवाल ने कहा कि सरस्वती शिक्षण संस्थान पूरे देश में ऐसे विद्यार्थियों को तैयार कर रही है, जो सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं। उन्होंने आग्रह किया कि इस संस्थान से उत्तीर्ण विद्यार्थी आसपास के गरीब बस्तियों के ऐसे बच्चों को जिनके पास पढ़ने की रूचि और बुद्धि है मगर संसाधन का अभाव है। उन्हें मेधावी बनाने और आगे बढ़ने में सहयोग प्रदान करें।
विद्या भारती संस्था के राष्ट्रीय महामंत्री श्री अवनीश भटनागर ने कहा कि आज से कुछ वर्ष पहले परिस्थितियां अलग थी, तकनीक अलग थी और भविष्य में परिस्थितियां अलग रहेगी, नई तकनीक रहेंगी। तकनीकी में तेजी से बदलाव हुआ और भविष्य में भी होगा। उन्होंने अभिभावकों और शिक्षकों से आग्रह किया कि हमें अपने बच्चों को नई तकनीकों को अपनाने के लिए तैयार करना है। उन नौकरियों और व्यवसायों के लिए जो अभी बाजार में नहीं हैं, उन समस्याओं के समाधान के लिए जिनकी आशंका भविष्य में है। श्री भटनागर ने बच्चों पर दबाव के उल्लेख करते हुए कहा कि कई बार ऐसे समाचार सुनने को मिलते है कि कम उम्र के बच्चे भी आत्मघाती कदम उठा रहे है। हमे अपने बच्चों को ऐसे तैयार करना है कि वे जीवन में आने वाले हर चुनौतियों को सामना करें। उन्होंने तकनीकी के क्षेत्र में संवेदनशीलता के साथ जानकारी हासिल करने का संकेत अभिभावकों और विद्यार्थियों को दिया।
इस अवसर पर सरस्वती शिक्षा संस्थान के अध्यक्ष श्री जुड़ावन सिंह ठाकुर, सचिव श्री विवेक सक्सेना, डॉ. देवनारायण साहू, विद्या भारती के राष्ट्रीय मंत्री द्वय श्रीराम अरावकर, श्री शिवकुमार आदि उपस्थित थे।