छत्तीसगढ

IPS Controversy : ‘Sexual Harassment’ का आरोप निकला झूठा…! महिला ने दिया बयान- कोई यौन उत्पीड़न नहीं हुआ…IPS डांगी का दावा…?

रायपुर, 24 अक्टूबर। IPS Controversy : छत्तीसगढ़ पुलिस के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रतन लाल डांगी पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों में अब अप्रत्याशित मोड़ आ गया है। जिस महिला ने हाल ही में डीजीपी को लिखित शिकायत सौंपकर डांगी पर दुराचार के गंभीर आरोप लगाए थे, उसी महिला ने अब किसी भी यौन उत्पीड़न की घटना से इनकार किया है।

दोनों पक्षों ने ऑफ-कैमरा बातचीत में कहा कि ‘यौन उत्पीड़न का मामला नहीं है’, और अब उन्होंने एक-दूसरे के खिलाफ क्रॉस-शिकायतें दर्ज कराई हैं।

क्या है मामला

जानकारी के मुताबिक, महिला जो एक सब-इंस्पेक्टर की पत्नी हैं ने 16 अक्टूबर को पुलिस महानिदेशक (DGP) को शिकायत सौंपते हुए रतन लाल डांगी पर यौन उत्पीड़न और मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया था। इसके ठीक एक दिन पहले, 15 अक्टूबर को, डांगी ने भी महिला के खिलाफ ब्लैकमेल और मानसिक उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी।

दोनों पक्षों का पक्ष

महिला ने कहा, मैंने कोई यौन उत्पीड़न का आरोप नहीं लगाया है। जांच पूरी होने के बाद मीडिया के सामने स्पष्ट करूंगी कि ऐसा कोई मामला नहीं हुआ। वहीं, वरिष्ठ आईपीएस रतन लाल डांगी ने पूरे विवाद को ‘एक बड़ी साजिश’ करार देते हुए कहा, कुछ मीडिया संस्थानों ने बिना तथ्यों की पुष्टि के गैर-जिम्मेदाराना रिपोर्टिंग की। इससे मेरी प्रतिष्ठा और पारिवारिक जीवन को गहरा आघात पहुंचा है। यह जानबूझकर की गई गलत रिपोर्टिंग प्रतीत होती है, जिसका मकसद मेरी साफ-सुथरी छवि को धूमिल करना है, खासकर तब जब पुलिस विभाग में उच्च पदों के लिए चयन प्रक्रिया चल रही है।

जांच समिति का गठन

क्रॉस-शिकायतों के बाद पुलिस मुख्यालय ने मामले की निष्पक्ष जांच के लिए दो-सदस्यीय समिति गठित की है। IG आनंद छाबड़ा और IPS मिलना कुर्रे इस जांच समिति में शामिल हैं। समिति को जल्द अपनी रिपोर्ट DGP को सौंपनी है।

बता दें कि, रायपुर में जल्द ही कमिश्नर सिस्टम लागू होने वाला है, और कई वरिष्ठ अधिकारियों की संभावित नियुक्तियों को लेकर विभाग में हलचल मची हुई है। सूत्रों का कहना है कि यह विवाद केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि विभागीय प्रतिद्वंद्विता और “पावर बैलेंस” से भी जुड़ा हो सकता है।

फिलहाल मामले में जांच समिति सक्रिय है और दोनों पक्षों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। अंतिम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा कि यह विवाद गलतफहमी, व्यक्तिगत मतभेद या किसी बड़ी साजिश का हिस्सा है।

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