छत्तीसगढ

Intimate Moments Videos : टेलीग्राम पर प्राइवेट इंटिमेट पलों के वीडियो खुलेआम बेचे जा रहे हैं…! छत्तीसगढ़ी कपल्स के निजी पलों के वीडियो की बहुत ज़्यादा डिमांड

रायपुर, 18 दिसंबर। Intimate Moments Videos : आज के डिजिटल युग में जहां तकनीक ने जीवन को आसान बनाया है, वहीं इसके समानांतर एक खौफनाक डार्क वर्ल्ड भी पनप चुका है। हाल ही में सोशल मीडिया पर 19 मिनट 34 सेकेंड का एक वीडियो वायरल होने के बाद टेलीग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर चल रहे अश्लील वीडियो के संगठित कारोबार का सनसनीखेज खुलासा हुआ है।

मीडिया संस्थानों के स्टिंग ऑपरेशन और साइबर विशेषज्ञों की जांच में सामने आया है कि टेलीग्राम पर हजारों गुप्त ग्रुप सक्रिय हैं, जहां कपल्स के निजी और अंतरंग वीडियो बाकायदा रेट कार्ड के साथ बेचे जा रहे हैं। यहां प्राइवेसी का कोई मूल्य नहीं, बल्कि वह महज एक बिकाऊ वस्तु बन चुकी है।

छत्तीसगढ़ी कपल्स के वीडियो की सबसे ज्यादा डिमांड

जांच में यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि इस अश्लील बाजार में छत्तीसगढ़ी कपल्स के वीडियो की मांग सबसे ज्यादा है। दलाल ग्राहकों की पसंद के अनुसार राज्यों की कैटेगरी बनाकर वीडियो उपलब्ध कराते हैं, जिनमें छत्तीसगढ़ के साथ-साथ मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और बिहार के वीडियो शामिल हैं। दलाल पहले वीडियो के छोटे और धुंधले क्लिप दिखाकर ग्राहकों को भरोसे में लेते हैं, इसके बाद डिजिटल पेमेंट के जरिए पैसे लेकर पूरा वीडियो शेयर किया जाता है।

निजी मोबाइल से लीक हो रहे वीडियो

इस काले कारोबार का सबसे डरावना पहलू यह है कि अधिकतर वीडियो किसी हिडन कैमरे से नहीं, बल्कि कपल्स के अपने निजी मोबाइल फोन से लीक होते हैं। पुराने मोबाइल फोन बेचते समय, अनजान दुकानों पर रिपेयरिंग के दौरान, क्लाउड स्टोरेज हैक होने या फिर रिवेंज पोर्न के मामलों में ये वीडियो दलालों के हाथ लग जाते हैं। एक बार वीडियो इस सिंडिकेट तक पहुंच गया, तो उसे इंटरनेट से पूरी तरह हटाना लगभग नामुमकिन हो जाता है, जिससे पीड़ित की सामाजिक और मानसिक स्थिति बुरी तरह प्रभावित होती है।

कानून की सख्त चेतावनी

साइबर कानून विशेषज्ञों और छत्तीसगढ़ पुलिस ने इस मामले में कड़ी चेतावनी जारी की है। आईटी एक्ट की धारा 67 और 67A के तहत अश्लील वीडियो को बेचना, प्रसारित करना ही नहीं, बल्कि उन्हें खोजना, डाउनलोड करना या अपने मोबाइल में रखना भी गंभीर और गैर-जमानती अपराध है। यदि किसी वीडियो में नाबालिग शामिल है, तो मामला पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज होता है, जिसमें उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है। पुलिस अब इन सौदों में इस्तेमाल हो रही यूपीआई आईडी और बैंक खातों को ट्रैक कर रही है।

सजगता ही बचाव का एकमात्र रास्ता

यह मामला समाज के लिए एक बड़ी चेतावनी है। निजी पलों को रिकॉर्ड करना, अनजान लिंक पर क्लिक (Intimate Moments Videos) करना या ऐसी सामग्री को देखना और शेयर करना, अनजाने में इस अपराधी सिंडिकेट को ताकत देता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी किसी भी सामग्री को देखने के बजाय तुरंत साइबर क्राइम पोर्टल या पुलिस को रिपोर्ट किया जाए, क्योंकि आपका एक क्लिक किसी की पूरी जिंदगी बर्बाद कर सकता है। डिजिटल सुरक्षा और सजगता ही इस खतरनाक डिजिटल दलदल से बचने का एकमात्र रास्ता है।

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