छत्तीसगढ

Diwali Festival : रायपुर से बड़ी खबर…! बिना लाइसेंस के चल रही है पटाखों की दुकानें…216 में से केवल 83 को ही मिला लाइसेंस…अवैध दुकानें खतरे की घंटी

रायपुर, 14 अक्टूबर। Diwali Festival : दीपावली के त्योहार को लेकर राजधानी रायपुर में तैयारियां जोरों पर हैं, लेकिन इसके साथ ही सुरक्षा को लेकर चिंता भी बढ़ गई है। शहर में इस बार बड़ी संख्या में बिना लाइसेंस के पटाखों की दुकानें खुल गई हैं। प्रशासन की सख्ती और लाइसेंस प्रक्रिया के बावजूद कई दुकानदार बिना अनुमति के पटाखों की बिक्री कर रहे हैं।

प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, इस वर्ष कुल 216 दुकानदारों ने पटाखा बिक्री के लिए लाइसेंस का आवेदन दिया था। इनमें से केवल 83 दुकानों को ही लाइसेंस जारी किया गया है, जबकि 86 आवेदनों को दस्तावेजों की कमी और तकनीकी कारणों से रिजेक्ट कर दिया गया है। बाकी आवेदनों पर अभी भी प्रक्रिया जारी है।

ऑनलाइन प्रक्रिया बनी परेशानी का कारण

इस बार लाइसेंस प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन कर दिया गया है, लेकिन इससे व्यापारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई दुकानदारों ने शिकायत की है कि पोर्टल पर दस्तावेज अपलोड करने में दिक्कत आ रही है, जिससे समय पर लाइसेंस नहीं मिल पा रहा है।

अवैध दुकानें बनीं खतरे की वजह

हालांकि प्रशासन का दावा है कि वह लगातार जांच कर रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। शहर के कई इलाकों में बिना लाइसेंस के दुकानें खुलेआम चल रही हैं, जो किसी बड़े हादसे को न्योता दे सकती हैं। बाजारों में बिना किसी सुरक्षा मानक के पटाखों का भंडारण और बिक्री की जा रही है, जिससे आगजनी और दुर्घटना का खतरा बना हुआ है।

प्रशासन ने जारी की चेतावनी

प्रशासन ने कहा है कि बिना लाइसेंस दुकान चलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही आम लोगों से भी अपील की गई है कि वे केवल लाइसेंस प्राप्त दुकानों से ही पटाखे खरीदें, ताकि अपनी और दूसरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

जरूरी नियम

  • पटाखा दुकानें अज्वलनशील सामग्री (जैसे टीन शेड) से बनी हों, कपड़ा, बांस, रस्सी, टेंट आदि ज्वलनशील पदार्थ का उपयोग न किया जाए।
  • हर दुकान के बीच कम से कम 3 मीटर की दूरी रखी जाए और दुकानें एक-दूसरे के सामने न हों।
  • दुकानों में तेल के लैम्प, गैस लैम्प या खुली बिजली की बत्ती का प्रयोग सख्त प्रतिबंधित है।
  • किसी भी दुकान से 50 मीटर के भीतर आतिशबाजी प्रदर्शन करना मनाही है।
  • बिजली तारों में कोई खुला जॉइंट न हो, मास्टर स्विच में फ्यूज या सर्किट ब्रेकर अनिवार्य रूप से लगा होना चाहिए।साथ ही दुकानें ट्रांसफॉर्मर या हाईटेंशन लाइन के नीचे न हों।
  • हर दुकान में 5 किलो क्षमता का DCP अग्निशामक यंत्र होना जरूरी है (इसकी मारक क्षमता 6 फीट होती है)।
  • दुकानों के सामने 200 लीटर क्षमता वाला पानी का ड्रम और बाल्टियों की व्यवस्था होनी चाहिए।
  • पटाखा दुकानों के सामने बाइक और कार पार्किंग पर प्रतिबंध रहेगा।
  • दुकानों के परिसर में अग्निशमन विभाग और एम्बुलेंस के संपर्क नंबर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किए जाएं।
  • अग्निशमन वाहन शाम 7 बजे से रात 10 बजे तक (रश ऑवर) स्टैंडबॉय ड्यूटी पर रहेंगे।
  • दुकानों के आस-पास फायर ब्रिगेड वाहन की आवाजाही के लिए पर्याप्त जगह छोड़ी जानी चाहिए।

फायर सेफ्टी की जिम्मेदारी दुकानदारों की ​​​​​​​

अग्निशमन विभाग ने बताया कि फायर सेफ्टी के सभी उपाय सुनिश्चित करना दुकानदारों की जिम्मेदारी होगी। जिला प्रशासन ने अपील की है कि दीपावली के दौरान किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचने के लिए सभी व्यापारी निर्धारित गाइडलाइन का सख्ती से पालन करें।

दीपावली का पर्व खुशियों का है, लेकिन थोड़ी सी लापरवाही किसी बड़ी अनहोनी को जन्म दे सकती है। प्रशासन और जनता दोनों की जिम्मेदारी है कि नियमों का पालन करें और सुरक्षित त्योहार मनाएं।

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