CGPSC की 24वीं रिपोर्ट…! अनियमितताओं पर विधानसभा में गरमाएगा मुद्दा…RAS और डिप्टी कलेक्टर नियुक्तियों पर सवाल…भविष्य की सुधार योजनाएं…रिपोर्ट में खुलासा

रायपुर, 27 अक्टूबर। CGPSC (छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग) की 24वीं वार्षिक रिपोर्ट आगामी शीतकालीन सत्र में विधानसभा में पेश की जाएगी। आयोग की अध्यक्ष डॉ. रीता शांडिल्य ने यह रिपोर्ट राज्यपाल रमेन डेका को सौंप दी है। रिपोर्ट का औपचारिक प्रस्तुतिकरण शीघ्र विधानसभा में किया जाएगा।
राजभवन में आयोजित इस औपचारिक बैठक में आयोग के सदस्य डॉ. प्रवीण वर्मा, डॉ. सरिता उइके, संतकुमार नेताम, चंद्र कुमार अजगले और परीक्षा नियंत्रक लीना कोसम भी उपस्थित रहीं। चुनाव और नियुक्तियों की गड़बड़ियां, सियासी तापमान बढ़ाने को तैयार
सूत्रों के अनुसार, इस रिपोर्ट में पिछले वर्षों में हुई चयन प्रक्रियाओं में कथित गड़बड़ियों का विस्तृत उल्लेख हो सकता है। विशेषकर राज्य प्रशासनिक सेवा (RAS) और डिप्टी कलेक्टर जैसे महत्वपूर्ण पदों पर हुई नियुक्तियों की समीक्षा शामिल हो सकती है।
चूंकि इस समय सीबीआई और अन्य जांच एजेंसियां आयोग की परीक्षाओं की जांच कर रही हैं, इसलिए रिपोर्ट विधानसभा में पेश होते ही राजनीतिक हलचल और बहस तेज होने की संभावना है।
पारदर्शिता और सुधार पर जोर
रिपोर्ट में केवल बीते वर्ष की परीक्षाओं का ब्यौरा ही नहीं है, बल्कि भविष्य की परीक्षा प्रणाली को पारदर्शी और फुलप्रूफ बनाने के सुझाव भी शामिल किए गए हैं। इसमें तकनीकी सुधार, डिजिटल निगरानी, और शिकायत निवारण प्रक्रिया को मजबूत करने पर जोर दिया गया है।
डीपीसी बैठकों का पूरा ब्यौरा
वार्षिक रिपोर्ट में विभागीय पदोन्नति समितियों (DPC) की बैठकों और लंबित पदोन्नति मामलों के निस्तारण का विवरण भी शामिल है।
विधानसभा में गरमाई बहस का संकेत
CGPSC की अनियमितताओं के आरोप पिछले वर्षों से विवादों का विषय रहे हैं। परीक्षा परिणामों में बदलाव, उत्तर पुस्तिकाओं की जांच में अनियमितता और चयन सूची में संशोधन जैसे मुद्दे आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते रहे हैं। अब जब वार्षिक रिपोर्ट विधानसभा में पेश होगी, यह मुद्दा राजनीतिक और प्रशासनिक दोनों स्तरों पर बहस का केंद्र बन सकता है। कहा जा रहा है कि इस रिपोर्ट के बाद केवल अधिकारी ही नहीं, बल्कि राजनीतिक दल भी ‘चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता’ पर जोर देंगे।




