छत्तीसगढ

GST Team Monitoring : जनहित में सूचना…! GST 2.0 के बाद भी महंगा सामान…? अब सीधे करें 1915 पर शिकायत…वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने जारी किया व्हाट्सएप नंबर…यहां कीजिए Click

रायपुर, 26 सितंबर। GST Team Monitoring : GST 2.0 के लागू होने के बाद से आम जनता को राहत मिलनी शुरू हो गई है। साबुन, तेल, घरेलू सामान से लेकर वाहनों तक की कीमतों में गिरावट आई है। लेकिन प्रदेश में कई ऐसे दुकानदार हैं जो अभी भी पुरानी MRP और पुरानी टैक्स दरों के अनुसार ही ग्राहकों से वसूली कर रहे हैं। इसको लेकर सरकार ने सख्त रुख अपनाया है और लोगों से शिकायत दर्ज कराने की अपील की है।

वित्त मंत्री ओपी चौधरी की अपील

प्रदेश के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने स्पष्ट कहा है कि अगर कोई दुकानदार GST की नई दरें लागू होने के बावजूद पुराने दामों पर सामान बेच रहा है, तो ग्राहक को अधिकार है कि वह नई दर पर सामान की मांग करे।

यदि दुकानदार नई दर पर सामान देने से इनकार करता है, तो ग्राहक तुरंत इस बात की शिकायत कर सकते हैं- टोल फ्री नंबर 1915 पर कॉल और व्हाट्सएप नंबर 8800001915 पर मेसेज कीजिए।

शिकायत दर्ज करने पर ग्राहक को SMS के माध्यम से कंप्लेन नंबर प्राप्त होगा। इस नंबर के आधार पर ग्राहक शिकायत की स्थिति को ट्रैक भी कर सकता है।

GST विभाग की टीम कर रही जांच

वित्त मंत्री ने बताया कि GST विभाग की टीमें पूरे प्रदेश में दौरे पर हैं और दुकानों की जांच कर रही हैं कि कोई दुकानदार ग्राहकों को ठग न सके। यदि किसी दुकानदार के खिलाफ शिकायत सही पाई जाती है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

क्या करें ग्राहक?

  1. सामान की बिलिंग देखें- बिल में GST की दर नई दरों के अनुसार होनी चाहिए।
  2. MRP और रियायती मूल्य की तुलना करें- कीमतों में बदलाव का लाभ ग्राहक को मिलना चाहिए।
  3. शिकायत करने से न हिचकें- यदि कोई दुकानदार बहस करता है या नई दर से सामान देने से इनकार करता है, तो सीधे शिकायत दर्ज कराएं।

जनता से अपील

यह अभियान सिर्फ सरकार की नहीं, जनता की भी जिम्मेदारी है। जागरूक ग्राहक ही बेईमानी और लूट को रोक सकता है। इसलिए अगर आपको कहीं भी लगे कि GST 2.0 के तहत मिलने वाला लाभ आपसे छीनने की कोशिश की जा रही है, तो बिना देर किए शिकायत करें।

GST 2.0 का उद्देश्य आम (GST Team Monitoring) लोगों को राहत देना है। सरकार ने दरें घटाकर कीमतें कम की हैं, लेकिन यदि दुकानदार पुरानी दरों से वसूली करते हैं तो वह कानूनी उल्लंघन है। ऐसे में ग्राहक को न सिर्फ अपना हक मांगना चाहिए, बल्कि शिकायत कर उचित कार्रवाई करवानी चाहिए।

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