Brahma Kumaris : शांति सरोवर में रायपुर महापौर-पार्षदों का सम्मान…! राजयोग से सेवा और स्वच्छता पर दिया गया जोर

रायपुर, 20 मई। Brahma Kumaris : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा शांति सरोवर रिट्रीट सेंटर में नगर पालिक निगम रायपुर के नवनिर्वाचित महापौर, सभापति एवं पार्षदों का भव्य सम्मान समारोह आयोजित किया गया। यह आयोजन ब्रह्माकुमारीज और राजयोग एजुकेशन रिसर्च फाउंडेशन के राजनीतिक सेवा प्रभाग के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न हुआ। इस विशेष कार्यक्रम का विषय था- “राजधानी को स्वच्छ और सुंदर बनाने में मेरी प्राथमिकताएं”।
सम्मान और प्रेरणा का मिला मंच
कार्यक्रम का उद्देश्य नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों को आध्यात्मिक मूल्यों, सेवाभाव और आंतरिक शांति के माध्यम से बेहतर प्रशासन हेतु प्रेरित करना रहा। कार्यक्रम की शुरुआत बच्चों द्वारा प्रस्तुत मनमोहक स्वागत नृत्य से हुई। इसके बाद गायिका कु. शारदा नाग ने प्रेरणादायक गीतों से माहौल को भक्तिमय बना दिया।
वक्ताओं के प्रेरक विचार
रायपुर दक्षिण के विधायक सुनील सोनी ने पार्षदों को सेवा, ईमानदारी और जवाबदेही के साथ राजनीति करने की सीख दी। उन्होंने कहा, “कोविड ने सिखाया कि साथ सिर्फ कर्म जाते हैं, पैसा नहीं। सेवा भाव ही सच्ची राजनीति की नींव है।” ब्रह्माकुमारी बहनों की संयमित जीवन शैली और उनकी वाणी के प्रभाव की उन्होंने सराहना की।
महापौर श्रीमती मीनल चौबे ने ब्रह्माकुमारी संस्थान के स्वागत को सबसे अलग बताते हुए कहा कि, “यह संस्था वसुधैव कुटुम्बकम की भावना को जीती है। यहां आकर जो शांति मिली, उसकी हमें आवश्यकता थी।” उन्होंने शहर की स्वच्छता व सुंदरता में संस्थान से मार्गदर्शन की अपेक्षा जताई।

सभापति सूर्यकान्त राठौर ने राजयोग मेडिटेशन को सभी पार्षदों के लिए आवश्यक बताते हुए कहा कि यह संस्था सेवा और भारतीय संस्कृति से जोड़ने का काम करती है। “राजयोग से एकाग्रता आती है और लक्ष्य प्राप्त करना सरल होता है।”
रायपुर उत्तर के विधायक पुरन्दर मिश्रा ने कहा कि शांति बाहर नहीं, हमारे भीतर है। “हम भटकते रहते हैं, लेकिन यहाँ आकर आत्मिक शांति का अनुभव हुआ। शहर को सुंदर बनाने में एकजुट प्रयास आवश्यक हैं।”
ब्रह्माकुमारी सविता दीदी का संदेश
रायपुर जोन की संचालिका सविता दीदी ने अपने आशीर्वचनों में राजयोग की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा, “हर दिन की शुरुआत राजयोग से करें, तभी तनाव मुक्त सेवा संभव है।” उन्होंने कहा कि समय की पाबंदी और अनुशासन से ही जनसेवा सार्थक होती है। सभी को राजयोग का व्यवहारिक अभ्यास भी कराया गया।
संयम, सेवा और सद्भाव का संदेश
कार्यक्रम का संचालन बहन (Brahma Kumaris) अदिति दीदी ने किया। पूरा आयोजन न केवल सम्मान समारोह था, बल्कि यह एक आध्यात्मिक चेतना और सामाजिक उत्तरदायित्व के समागम का सुंदर उदाहरण बना।

प्रमुख बिंदु
- राजयोग मेडिटेशन को जनसेवकों के लिए बताया गया जीवन का अभिन्न हिस्सा
- नवनिर्वाचित महापौर, सभापति और पार्षदों का भव्य स्वागत
- राजनीति में सेवा, शांति और संयम की आवश्यकता पर जोर
- ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा भारतीय संस्कृति और मूल्यों के प्रचार-प्रसार की सराहना