छत्तीसगढ

Barnawapara Sanctuary : युवाओं को वन्यजीव पर्यटन एवं पर्यावरण संरक्षण की दी गई गहन जानकारी, बारनवापारा अभ्यारण्य में पाँच दिवसीय इको-टूरिज्म गाइड प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न

रायपुर, 11 अक्टूबर। Barnawapara Sanctuary : बारनवापारा वन्यजीव अभयारण्य में 7 से 11 अक्टूबर 2025 तक  पाँच दिवसीय इको-टूरिज्म गाइड प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण में स्थानीय युवाओं एवं गाइड्स को वन्यजीव पर्यटन, पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण संरक्षण की गहन जानकारी प्रदान किया गया।

पर्यटन के विस्तार के साथ-साथ जानवरों और प्राकृतिक क्षेत्रों पर पर्यटकों का प्रभाव भी बढ़ता है। लेकिन ज़िम्मेदारी से यात्रा करने और वर्तमान एवं भावी पीढ़ियों के आनंद के लिए वन्यजीवों और प्राकृतिक क्षेत्रों के संरक्षण में सहयोग करने के कुछ तरीके मौजूद हैं।

प्रशिक्षण का संचालन द नेचरलिस्ट स्कूल के प्रशिक्षक दल प्रकृति सुब्रमण्यम, अनिकेतन चंद्रेगैड़ा एवं चंद्रशेखर द्वारा किया गया। प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को सैद्धांतिक एवं व्यवहारिक ज्ञान प्रदान किया गया जिसमें स्थानीय पक्षियों, कीटों, सरीसृपों, स्तनधारियों एवं पादप प्रजातियों की पहचान, उनके पारिस्थितिक महत्व, व्यवहारिक संचार कौशल, व्यक्तित्व विकास तथा गाइडिंग तकनीकों पर विशेष सत्र आयोजित किए गए। पांचवें दिवस पर अभयारण्य क्षेत्र में फील्ड भ्रमण एवं पादप प्रजातियों की पहचान पर व्यावहारिक प्रशिक्षण भी दिया गया।

प्रशिक्षण में बटाया गया कि प्राकृतिक क्षेत्रों की खोज करते समय हमेशा निर्धारित मार्गों का ही पालन करें। ऐसा करने से, नाज़ुक पारिस्थितिक तंत्रों को होने वाले क्षरण और नुकसान को कम किया जा सकता है। रास्ते से भटकने से बचें और सावधानी से कदम बढ़ाएँ। यात्रा से पहले, उन स्थानों पर मौजूद मेहमानों के लिए सभी नियमों या दिशा-निर्देशों से खुद को परिचित कर लें।

समापन अवसर पर सभी प्रतिभागियों को ‘इको-टूरिज्म गाइड प्रमाण पत्र‘ प्रदान किए गए। इस अवसर पर मुख्य रूप से अधीक्षक बारनवापारा अभयारण्य कृषानू चन्द्राकार, परिक्षेत्र अधिकारी गोपाल प्रसाद वर्मा, प्रशिक्षार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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