छत्तीसगढ

Voter List Revision : मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर राजनीतिक दलों की अहम बैठक…! जारी हुआ हेल्पलाइन नंबर…7 फरवरी को होगा अंतिम प्रकाशन

रायपुर, 06 नवंबर। Voter List Revision : कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. गौरव सिंह की अध्यक्षता में आज कलेक्ट्रेट स्थित रेडक्रॉस सभाकक्ष में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक का उद्देश्य मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम की कार्ययोजना पर विस्तृत चर्चा करना था।

कलेक्टर डॉ. सिंह ने कहा कि, मतदाता सूची लोकतंत्र की रीढ़ है, इसे शुद्ध और अद्यतन रखना हम सबकी साझा जिम्मेदारी है। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि वे अपने बूथ लेवल एजेंट (BLA) शीघ्र नियुक्त करें, जो बूथ लेवल अधिकारी (BLO) के साथ मिलकर क्षेत्र में भ्रमण करें ताकि कोई भी पात्र मतदाता सूची से वंचित न रहे।

पुनरीक्षण कार्यक्रम की प्रमुख तिथियां

  • गणना प्रपत्र वितरण व संकलन: 04 नवम्बर से 04 दिसम्बर 2025 तक
  • ड्राफ्ट मतदाता सूची का प्रकाशन: 09 दिसम्बर 2025
  • दावा-आपत्ति अवधि: 09 दिसम्बर 2025 से 08 जनवरी 2026
  • सत्यापन एवं सुनवाई: 09 दिसम्बर 2025 से 31 जनवरी 2026
  • अंतिम मतदाता सूची प्रकाशन: 07 फरवरी 2026 (शनिवार)

पारदर्शिता पर विशेष जोर

बैठक में बताया गया कि पुनरीक्षण प्रक्रिया के दौरान मृत, पलायन कर गए या डुप्लीकेट नामों को हटाने के साथ ही पात्र नागरिकों के नाम जोड़े जाएंगे। सभी कार्य पूर्ण पारदर्शिता के साथ किए जाएंगे। जिनकी अर्हता संदिग्ध होगी, उन्हें निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ERO) द्वारा नोटिस जारी किया जाएगा।

जो नागरिक निर्धारित अवधि में गणना प्रपत्र नहीं भर पाएंगे, वे दावा-आपत्ति अवधि में फॉर्म-6 और घोषणा-पत्र के माध्यम से अपना नाम जुड़वा सकेंगे।

ERO अग्रिम आवेदन भी करेगा स्वीकार

ERO आगामी 1 अप्रैल, 1 जुलाई और 1 अक्टूबर 2026 को अर्हता प्राप्त करने वाले मतदाताओं के आवेदन एडवांस में भी स्वीकार करेगा।

मतदाताओं की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम

प्रत्येक मतदान केंद्र पर NSS, NCC, आजीविका दीदी, किसान मित्र, सचिव, मितानिन और हेल्थ वर्कर को वालेंटियर के रूप में नियुक्त किया जाएगा। जिला मुख्यालय में कंट्रोल रूम/हेल्प डेस्क (नंबर 1950) स्थापित किया गया है, जहां नागरिक किसी भी सहायता के लिए संपर्क कर सकते हैं।

कलेक्टर डॉ. सिंह ने कहा कि, मतदाता सूची का यह पुनरीक्षण केवल प्रशासनिक कार्य नहीं, बल्कि एक लोकतांत्रिक जिम्मेदारी है। सभी दलों और नागरिकों से अपेक्षा है कि वे इसमें सक्रिय सहयोग दें।

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