छत्तीसगढ

CGPSC Scam : छत्तीसगढ़ PSC स्कैम में CBI का बड़ा एक्शन…! पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक सहित 5 गिरफ्तार…रिमांड पर लेने की तैयारी

रायपुर, 19 सितंबर। CGPSC Scam : छत्तीसगढ़ में चर्चित पीएससी भर्ती घोटाले की जांच में जुटी CBI ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक, रिटायर्ड IAS और पूर्व सचिव जीवनलाल ध्रुव, उनके बेटे और चयनित अफसर सुमित ध्रुव, तथा निशा कोसले और दीपा आदिल को गिरफ्तार कर लिया है। इन सभी को शुक्रवार दोपहर रायपुर स्थित CBI की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां जांच एजेंसी ने रिमांड की मांग की।

गिरफ्तारी के प्रमुख बिंदु

आरती वासनिक पूर्व परीक्षा नियंत्रक, पहले भी हो चुकी हैं पूछताछ में शामिल। जीवनलाल ध्रुव पीएससी के पूर्व सचिव, रिटायर्ड IAS। सुमित ध्रुव: जीवनलाल का बेटा, PSC से चयनित अफसर। निशा कोसले और दीपा आदिल पीएससी चयन प्रक्रिया से जुड़ीं थीं।

CBI इन सभी से घोटाले में भूमिका, सिफारिशें, पेपर लीक, मार्क्स में हेराफेरी, और घूसखोरी के आरोपों को लेकर गहन पूछताछ करना चाहती है।

अब तक की CBI जांच में क्या हुआ?

18 नवंबर 2024: PSC के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी और उद्योगपति श्रवण गोयल गिरफ्तार। 10 जनवरी 2025: 5 और नामज़द आरोपी (नितेश सोनवानी, ललित गणवीर, शशांक गोयल, भूमिका कटियार और साहिल सोनवानी) गिरफ्तार किए गए। ये सभी डिप्टी कलेक्टर पदों पर चयनित हुए थे और फिलहाल जेल में हैं।

आरोप क्या हैं?

CBI जांच के मुताबिक, परीक्षा नियंत्रक और सचिव स्तर पर मिलीभगत से मेरिट लिस्ट में हेरफेर हुआ। धनबल और सिफारिशों के जरिए अयोग्य उम्मीदवारों को चयनित कराया गया। उत्तर पुस्तिकाओं में बदलाव, ओएमआर शीट से छेड़छाड़, और इंटरव्यू में फर्जीवाड़ा भी आरोपों में शामिल हैं।

क्या बोले CBI

CBI सूत्रों के अनुसार, अब तक की जांच में यह साफ हो गया है कि पीएससी की चयन प्रक्रिया के हर स्तर पर भारी अनियमितताएं हुई हैं। गिरफ्तार किए गए लोगों के पास से कई दस्तावेज, चैट रिकॉर्ड और कॉल डिटेल्स भी जब्त की गई हैं।

आगे क्या?

रिमांड मंजूर (CGPSC Scam) होते ही CBI इनसे आमने-सामने पूछताछ करेगी। अगले चरण में राजनीतिक संरक्षण और घोटाले से जुड़े आर्थिक लेन-देन की जांच भी तेज की जाएगी। PSC की पिछली परीक्षाओं को रद्द करने या पुनर्मूल्यांकन की मांग भी तेज हो सकती है।

यह घोटाला राज्य की प्रतियोगी परीक्षाओं की पारदर्शिता पर गहरे सवाल खड़े करता है। आने वाले दिनों में CBI की कार्रवाई और भी बड़ी नामों तक पहुंच सकती है।

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