छत्तीसगढ

Mid-Day Meal Case : बच्चों को कुत्ते का खाना परोसा गया…हाईकोर्ट के आदेश पर 84 बच्चों को मिला मुआवजा…सभी के खातों में 25-25 हजार रुपए ट्रांसफर

बलौदाबाजार, 16 सितंबर। Mid-Day Meal Case : पलारी विकासखंड के ग्राम लच्छनपुर स्थित शासकीय मिडिल स्कूल में 28 जुलाई को सामने आई मिड-डे मील की चौंकाने वाली लापरवाही ने शिक्षा विभाग और मिड-डे मील व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए। आरोप था कि बच्चों को जो भोजन परोसा गया, वह पहले कुत्तों द्वारा खाया गया था। इस घटना के बाद अभिभावकों और ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया और मामला हाईकोर्ट तक जा पहुंचा।

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायमूर्ति बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रभावित 84 बच्चों को मुआवजा देने का आदेश दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि बच्चों के स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति पर पड़े नकारात्मक प्रभाव की भरपाई जरूरी है।

ट्रांसफर की गई राशि

सोमवार को जिला प्रशासन ने न्यायालय के निर्देश का पालन करते हुए सभी 84 बच्चों के बैंक खातों में 25-25 हजार रुपये की राशि ट्रांसफर की। कुल 21 लाख रुपये का मुआवजा वितरित किया गया।

जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) संजय गुहे ने बताया, यह एक अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी। जांच में लापरवाही सिद्ध हुई थी, जिसके बाद संबंधित जिम्मेदारों पर कार्रवाई की गई है। बच्चों को हुए मानसिक आघात के मद्देनजर मुआवजा दिया गया है, और इसे पूर्ण रूप से लागू कर दिया गया है।

भविष्य के लिए प्रशासन सतर्क

घटना के बाद जिला प्रशासन ने मिड-डे मील की गुणवत्ता और वितरण व्यवस्था की निगरानी को लेकर सतर्कता बढ़ा दी है। अधिकारियों ने कहा है कि सभी स्कूलों में नियमित निरीक्षण, स्वच्छता जांच और रसोइयों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

विशेषज्ञों की चिंता और चेतावनी

शिक्षाविदों और बाल अधिकार विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं बच्चों में स्कूल और मिड-डे मील योजना के प्रति अविश्वास पैदा कर सकती हैं। यह योजना बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने और उन्हें स्कूल से जोड़े रखने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। यदि इसमें लापरवाही होती है तो यह इसके मूल उद्देश्यों को ही नुकसान पहुंचाता है।

राज्य भर के लिए चेतावनी

लच्छनपुर कांड ने न केवल बलौदाबाजार जिला बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के प्रशासन को एक सख्त संदेश दिया है—बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा से जुड़े किसी भी मामले में लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि प्रशासन निगरानी व्यवस्था (Mid-Day Meal Case) को कितनी गंभीरता से लागू करता है और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या ठोस कदम उठाए जाते हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button