छत्तीसगढ

Congress Infighting : ‘वोट चोर-गद्दी छोड़’ मंच पर ही भिड़े कांग्रेस के दिग्गज नेता…! बघेल का सिंहदेव पर हमला…डहरिया का महंत पर वार…भगत से छीना माइक…BJP ने जारी किया VIDEO यहां देखें

रायपुर, 10 सितंबर। Congress Infighting : छत्तीसगढ़ की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री अमरजीत भगत से माइक छीनने की घटना सामने आई है। इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने आधिकारिक प्लेटफॉर्म्स पर शेयर कर कांग्रेस पर करारा हमला बोला है।

यह है मामला

दरअसल, केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ बिलासपुर में आयोजित ‘वोट चोर-गद्दी छोड़’ जनसभा में कांग्रेस का मंच सियासी हमलों और आपसी कलह का अखाड़ा बन गया। जहां एक ओर कार्यक्रम का मकसद बीजेपी पर हमला करना और एकजुटता दिखाना था, वहीं मंच पर ही कांग्रेस नेताओं के बीच टकराव, कटाक्ष और गुटबाजी खुलकर सामने आ गई।

भूपेश बघेल का टीएस सिंहदेव पर तंज

सभा की शुरुआत में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने टीएस सिंहदेव पर अप्रत्यक्ष निशाना साधते हुए कहा, अब कोई ये मत कहे कि सरकार ने काम नहीं किया, इसलिए हम चुनाव हारे। हम वोट से नहीं, वोट चोरी से हारे हैं।

बघेल की यह टिप्पणी साफ तौर पर सिंहदेव के उस पुराने बयान की ओर इशारा थी, जिसमें उन्होंने चुनावी हार के पीछे कामकाज पर उठे सवालों की बात की थी।

शिव डहरिया का तीखा बयान

पूर्व मंत्री शिव डहरिया ने भी मंच से तीखा हमला बोला। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत को घेरते हुए कहा, हमारे कार्यकर्ता किसी नेता के चमचे नहीं हैं। हमें अपने ही लोगों की सार्वजनिक आलोचना नहीं करनी चाहिए।

यह बयान महंत द्वारा कार्यकर्ताओं के व्यवहार को लेकर दिए गए हालिया बयान के विरोध में माना जा रहा है।

माइक छीने जाने से मचा हड़कंप

सभा के दौरान जब पूर्व मंत्री अमरजीत भगत मंच पर बोल रहे थे, तभी कांग्रेस नेता सचिन पायलट के पहुंचते ही उनका माइक छीन लिया गया। इस घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसे भाजपा ने मुद्दा बनाते हुए कांग्रेस की अंतर्कलह को उजागर करने का हथियार बना लिया।

एकजुटता की अपील, बिखराव की हकीकत

हालांकि मंच से नेताओं ने एकजुटता की अपील की, लेकिन मंच पर दिखाई दी आपसी टकराहट ने यह साबित कर दिया कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस भीतर से अब भी खेमेबाजी की शिकार है। कार्यकर्ताओं से ज्यादा बड़े नेता ही एक-दूसरे पर हमलावर नजर आए।

बीजेपी का आरोप

भाजपा ने इस वीडियो को साझा करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा है। पार्टी प्रवक्ताओं ने दावा किया कि जनता अब कांग्रेस नेताओं की बात सुनना तक नहीं चाहती, और यह घटना उसी जनविरोध की प्रतीक है। वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा गया- ये जनता है, सब जानती है। झूठे वादों और भ्रष्टाचार का यही हश्र होता है।

कांग्रेस का पलटवार

हालांकि कांग्रेस ने इसे एक सोची-समझी साजिश और वीडियो की गलत प्रस्तुति बताया है। पार्टी नेताओं का कहना है कि भाजपा जनता का ध्यान भटकाने के लिए वीडियो क्लिपिंग का सहारा ले रही है, जबकि असली घटनाक्रम कुछ और था।

सोशल मीडिया पर बवाल

इस वीडियो के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर राजनीतिक (Congress Infighting) बहस छिड़ गई है। दोनों पक्षों के समर्थक एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। वहीं, आम जनता भी वीडियो को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं दे रही है।

माइक छीनने की यह घटना केवल एक तकनीकी गड़बड़ी नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की तेज होती सियासी टकराहट का प्रतीक बन गई है। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएंगे, ऐसे वायरल वीडियो और जुबानी जंग और भी तेज होने की पूरी संभावना है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button