छत्तीसगढ

Sculptors from Bhilai : डॉ. अंकुश देवांगन ने बनाई चने के दाने जितनी मोदी की मूर्ति…CM हुए प्रभावित…PM को भेंट करने की जताई इच्छा

भिलाई, 24 नवंबर। Sculptors from Bhilai : सुप्रसिद्ध सूक्ष्म-मूर्तिकार डॉ. अंकुश देवांगन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मात्र चने के दाने के बराबर अनोखी मूर्ति बनाकर सबको चकित कर दिया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात के दौरान जब उन्होंने यह सूक्ष्म प्रतिमा प्रदर्शित की, तो मुख्यमंत्री उनकी अद्भुत कला देखकर हैरान रह गए और उन्हें आश्वासन दिया कि वे प्रधानमंत्री से उनकी मुलाकात करवाएँगे। डॉ. देवांगन चाहते हैं कि यह विशेष प्रतिमा मोदी जी के छत्तीसगढ़ आगमन पर उन्हें भेंट की जाए।

डेढ़ माह की मेहनत से तराशी आधे सेंटीमीटर की संगमरमर मूर्ति

भिलाई इस्पात संयंत्र के मेडिकल विभाग के जन्म–मृत्यु कार्यालय में पदस्थ अंकुश देवांगन सूक्ष्मकला के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय पहचान रखते हैं। मोदी जी की यह मूर्ति उन्होंने संगमरमर के पत्थर को तराशकर, करीब डेढ़ माह की मेहनत से तैयार की है।विशेष बात यह है कि उन्होंने इस प्रतिमा को कमल के फूल पर विराजमान कर पीछे राम मंदिर की झांकी भी उकेरी है।

विश्व रिकॉर्डधारी सूक्ष्म कलाकार

अंकुश की सूक्ष्म कला किसी परिचय की मोहताज नहीं है। उनके द्वारा बनाई गई दुनिया की सबसे छोटी भगवान गणेश की प्रतिमा, जो चावल के दाने से भी सौ गुनी छोटी है, लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है।

वे भारत में 500 से अधिक और इंग्लैंड सहित विदेशों में भी अपनी कला का प्रदर्शन कर चुके हैं। घर-परिवार और नौकरी की व्यस्तता के बीच वे रात में अपने कला-साधना को समय देते हैं।

विशाल प्रतिमाओं के भी माहिर शिल्पकार

सूक्ष्म मूर्ति बनाना ही नहीं, अंकुश विशाल प्रतिमाओं के निर्माण में भी पारंगत हैं। उनके द्वारा निर्मित प्रमुख प्रतिमाएं-

  • सिविक सेंटर का कृष्ण–अर्जुन रथ
  • रुआबांधा का पंथी चौक
  • भिलाई निवास का नटराज
  • सेक्टर-1 का श्रमवीर चौक
  • सुनीति उद्यान, सेक्टर-8 की एथिक्स मूर्तियां
  • बोरिया गेट का प्रधानमंत्री ट्रॉफी चौक
  • दल्ली–राजहरा का दुनिया का सबसे बड़ा लौहरथ
  • मदकूद्वीप स्थित मांडूक्य ऋषि
  • दुर्गापुर स्टील प्लांट व राजभवन भोपाल की अनेक प्रतिमाएं

इन कृतियों ने भिलाई इस्पात संयंत्र और छत्तीसगढ़ की कला परंपरा को नई पहचान दी है।

कला जगत में सम्मानित स्थान

उनकी असाधारण प्रतिभा को देखते हुए भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने उन्हें ललित कला अकादमी, नई दिल्ली का मानद सदस्य बनाया है, और वे इस बोर्ड में शामिल होने वाले छत्तीसगढ़ के प्रथम कलाकार हैं।

डॉ. अंकुश देवांगन की यह नई सूक्ष्म कृति प्रधानमंत्री को समर्पित एक अनोखा उपहार बनने की ओर अग्रसर है, जो छत्तीसगढ़ की कला और शिल्प परंपरा को राष्ट्रीय मंच पर फिर से विशिष्ट पहचान दिलाएगी।

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